Monday, June 7, 2010

मी लॉर्ड...क्षमा कीजियेगा

हमें याद है,.....जब भोपाल गैस त्रासदी हुयी थी.....उस वक्त मैं सातवीं कक्षा का विद्यार्थी था और अर्जुन सिंह ने न जाने क्या सोचते हुए गैर बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को जनरल प्रमोशन दे दिया था.बिना इम्तिहान के पास होने पर मुझे उस वक्त तो गैस त्रासदी ने भी वैसी ही ख़ुशी पहुंचाई थी, जैसी आज भोपाल के गुनाहगारों को हुयी है......लेकिन पंद्रह हजार से ज्यादा मौतों पर कोई खुश कैसे हो सकता है.....वो तो नादानी थी वर्ना आज तो रोने को जी चाह रहा है.....मी लॉर्ड...क्षमा कीजियेगा, आप की चाहे जो मजबूरी रही हो लेकिन ये फैसला हमें किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है.युनियन कार्बाइड हादसे के वास्तविक दोषी तो वे नेता है जिन्होंने पंद्रह हजार कत्ल के गुनेहगार वारेन एन्देर्सन को देश से भाग जाने दिया.....वैसे पीड़ितों का आक्रोश और क्रंदन देख कर आज की रात तो उन नेताओं को भी नींद नहीं आएगी.

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