Friday, September 5, 2008

जांबाजों को सलाम

वो मेरे मुहल्ले का नुक्कड़ तो नही है लेकिन वहां जो कुछ भी हुआ उसकी चर्चा करना जरूरी है.घटना जबलपुर शहर के नागरथ चौक की है.वक्त दोपहर के ३ बजे का था.राहगीर उस वक्त चौंक पड़े, जब सड़क किनारे खड़ा एक लोडिंग ऑटो रिक्शा अचानक चल पड़ा. ऑटो रिक्शा में कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल लोड थी.ऑटो रिक्शा की दौड़ नाली की तरफ़ थी.एक-एक कर बोतल फूटने की आवाज के बीच ही किसी की चीख भी सुनायी दी.लोग जब तक दौड़ कर ऑटो रिक्शा तक पहुँचते तब तक १७-१८ साल का लड़का उसकी चपेट में आ चुका था. उसकी चीख लोगों के रोंगटे खड़े कर रही थी.ऑटो रिक्शा लगातार नाली की तरफ़ खिसक रहा था और लड़का दबता ही जा रहा था. लेकिन ४-५ मिनट की कोशिशों के बाद ऑटो रिक्शा को पीछे खींचा गया. जैसे - तैसे लड़के को बाहर निकल कर उसकी जान बचाई जा सकी.दरअसल ये लड़का मेकेनिक था.जब ऑटो रिक्शा ने उलटी दौड़ लगाई थी उस वक्त यह लड़का उसके नीचे लेटकर काम कर रहा था.लोगो की जांबाजी ने उसकी जान बचा ली.ऐसे जांबाजों को सलाम.