Saturday, June 12, 2010

तो नेताओं की कठपुतली होते

लगता है कि सीबीआई के निदेशक अश्विनी कुमार मीडिया में भोपाल गैस त्रासदी की खबरें पढ़ और देख-सुनकर पक से गए है......तभी तो वे जबलपुर में पत्रकारों को नसीहत देते दिखे कि क्या अभी भी पच्चीस साल पुराने मामले का पोस्ट मार्टम करने में जुटे हो....go ahead....आगे बढ़ो और ये चिता करो की भविष्य में इस तरह की त्रासदी ना हो और हो भी तो पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत मिल सके.......भाई सीबीआई निदेशक को कौन समझाए कि यदि मीडिया अपनी आवाज ना मुखर करे तो ये नेता ऐसे ही लाशों का सौदा करते रहेंगे....और ये मीडिया न हो तो जीतनी स्वतंत्रता से सीबीआई निदेशक फ़िलहाल काम कर रहे है........नेता उतनी भी स्वतंत्र उन्हें न दे......और पूरी तरह से अपनी कठपुतली बना कर अपनों को बचाने और दुश्मनों को निपटाने की नौकरी बजवाएं.... वैसे सीबीआई निदेशक अश्विनी कुमार ने ये मान कर बड़ी मेहरबानी कर दी कि ट्रायल और अभियोजन के दौरान उनकी संस्था की ओर से कमी रह गयी.....लेकिन आगे के लिए उनका दिया ये भरोसा कितना सही होगा कि अब कोई भी जाँच छः माह में पूरी करके दोषियों को दो साल में सजा दिलवा देंगे, ये वक्त ही बताएगा.

2 comments:

Jandunia said...

सार्थक पोस्ट

raviprakash said...

Can shri Aswani kumar even today vouch that CBI is indepenedent today , I can qoute several cases where even today CBI is resting for last several years without proceeding further , KIngfisher -HPCL overdue credit , Marker case complained in 2008 .CBI sits on cases for years together , in the meantime corporates like HPCL, Govt. kill the person who blows whistle against corruption.