Wednesday, March 25, 2009
हाय री किस्मत
एक दिन किसी अख़बार में खबर छपी कि जबलपुर से फिल्म स्टार आशुतोष राणा कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे.इस खबर ने नेशनल टीवी के हम जैसे पत्रकारों की बांछें खिला दी. मन ही मन समीकरण बैठाने लगे कि एक दिन आशुतोष को नर्मदा पूजा करवा देंगे तो बढ़िया खबर बिक जायेगी.किसी दिन मंदिर में अर्जी लगवा देंगे तो फिर खबर चल जायेगी.राणा जी का एकाध दिन का प्रचार तो बिक ही जायेगा. और अगर उनकी फिल्म स्टार पत्नी रेणुका शहाने प्रचार के मैदान में कूदीं तो शर्तिया एक खबर और बन जायेगी.ये भी सोचने लगे कि आजकल आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बहुत चल रहा है. यदि आशुतोष राणा ने धोखे से भी आचार संहिता का उल्लंघन कर दिया तो खबरों की संख्या बढ़नी निश्चित है.लेकिन हाय री किस्मत......मंदी के इस दौर में हम नेशनल टीवी पत्रकारों का राजनीतिक दलों ने भी ध्यान नहीं रखा.बीजेपी और कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार दिया है जिनको लेकर टीआरपी के लिए परेशान रहने वाले नेशनल टीवी चैनलों में तो बेरुखी है ही, मतदाता भी कुछ खास उत्साहित नहीं है. इतना ही नहीं आस-पास की सीटों में भी न तो कोई बड़ा नाम है और न ही कोई ग्लैमरस चेहरा जिसके सहारे ही हम लोग दो - चार खबरें बेच सकें.लोकसभा चुनाव के दौरान हम जैसे पत्रकार छुट्टी पर भी नहीं जा सकते क्योंकि भोपाल और दिल्ली आफिस से रोज पूछा जायेगा कि आपके क्षेत्र में क्या चल रहा है ? खबर एक नहीं लेंगे लेकिन इतना जरुर कहेंगे कि नजर रखना.कुछ छूटने न पाए. अब तो यही लग रहा है कि दिल्ली से आने वाले अपने चैनल के बड़े नाम वाले रिपोर्टरों की जी-हुजूरी में ही पूरा चुनाव निकल जायेगा.
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2 comments:
yahi hoga chunaav ke doran ...achcha or sachcha likhne ke liye badhaaee
अपने मन की बात कह दी आपने
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